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पौड़ी गढ़वाल का ज्वाल्पा देवी मंदिर जहाँ आज भी माँ जागृत स्वरुप में है

  • Writer: satpuli garhwal
    satpuli garhwal
  • May 1, 2018
  • 1 min read

पौड़ी गढ़वाल का ज्वाल्पा देवी मंदिर जहाँ आज भी माँ जागृत स्वरुप में है

ज्वाल्पा देवी मंदिर उत्तराखंड के पौड़‌ी स्थित पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर नयार नदी के तट पर स्थित यह मंदिर पौराणिक महत्व को समेटे हुए है।

इस मंदिर के बारे में यह कथा प्रचलित है कि स्कन्दपुराण के अनुसार सतयुग में दैत्यराज पुलोम की पुत्री शची ने देवराज इन्द्र को पति रूप में प्राप्त करने के लिये “ज्वालपाधाम” में हिमालय की “अधिष्ठात्री देवी पार्वती” की तपस्या की।, तप से प्रशन्न होकर माता इस स्थान पर प्रकट हुई और शची देवी को वरदान दिया , वरदान से शची देवी का विवाह इन्द्र देवता से हो गया देवी पार्वती का “दैदीप्यमान ज्वालपा” के रूप में प्रकट होने के प्रतीक स्वरूप अखण्ड दीपक निरंतर मन्दिर में प्रज्वलित रहता है । अखण्ड ज्योति को जलाए रखने की परंपरा आज भी चल रही है इस प्रथा को आगे जारी रखने के लिए निकटवर्ती गाओं से तेल एकत्रित किया जाता है 17वीं शताब्दी में राजा प्रद्युम्नशाह ने मन्दिर के लिये 11.82 एकड़ सिचिंत भूमि दान दी थी , इसी भूमि पर वर्तमान समय में सरसों की खेती कर अखण्डज्योति को जलाये रखने लिये तेल प्राप्त किया जाता है , यहाँ पर अनेत गांव के पुजारी पूजा करते हैं यहाँ आने पर भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है यहाँ आने पर मन को बड़ी शांति मिलती है यह मंदिर कपोलसियुं और रिंगवार्सियूं कि कुलदेवी है

यह मंदिर पौड़ी से ३४ किमी दूर है और कोटद्वार से इसकी दूरी ७३ किमी है

Pauri Garhwal, a district of Uttarakhand state encompasses an area of 5230 sq. km and situated between 29° 45’ to 30°15’ Latitude and 78° 24’ to 79° 23’ E Longitude. This district is ringed by the districts of Chamoli, Rudraprayag & Tehri Garhwal in North, Bijnor & Udhamsingh Nagar in South, Almora & Nainital in East, Dehradun & Haridwar in West. The District is administratively divided into nine tehsils, viz., Pauri, Lansdown, Kotdwar, Thalisain, Chobattakhal, Srinagar, Satpuli, Dhumakot & Yamkeshwar and fifteen developmental blocks, viz., Kot, Kaljikhal, Pauri, Pabo, Thalisain, Bironkhal, Dwarikhal, Dugadda , Jaihrikhal, Ekeshwer, Rikhnikhal, Yamkeswar, Nainidanda, Pokhra & Khirsu.

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©2018 by Satpuli.

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